पकौड़ी एक अत्यंत लोकप्रिय व्यंजन है। यह तल कर भली-भाँति पकाया जाता है। अच्छी पकी होने के कारण इसे पकौड़ी कहा जाता है जैसे भाग जाने वाली महिला को भगोड़ी कहा जाता है। आकार बड़ा होने पर इसे पकौड़ी के बजाय पकौड़ा कहा जाता है, जैसे बड़े-बड़े क़र्ज़ ले कर भाग जाने वालों को भगोड़ा कहा जाता है।
बेरोज़गारों के लिए पकौड़ी एक सुगम रोज़गार का साधन भी बताया गया है। इसे पकाने के लिए ठेले को नाले के किनारे खड़ा कर, नाले की गैस को ईंधन की भाँति प्रयोग कर लागत भी सुगमता से घटाई जा सकती है। यद्यपि होटलों में इसकी क़ीमत सैकड़ों में जा सकती है, पर नाले के किनारे वाले ठेले की आमदनी कौड़ियों में ही हो पाती है। संभवतया नाम का अंतिम भाग 'कौड़ी' यहीं से आया है। पकाया और कौड़ी कमाया, क्या है ये भाया, अरे पकौड़ी है भाया, क्या तुमने अभी नहीं खाया?
पकौड़ी खाने का सर्वोत्तम मौसम बादल वाले दिनों (रोज़-ए-अब्र) में होता है। इन दिनों में आसमान में उड़ रहे और सर्वे कर रहे नेतागण न आप को देख पाते हैं न आप उनको। कहते हैं कि ऐसे मौसम में इन नेताओं को आप राडार से भी नहीं देख पायेंगे।
दालें, जिसमें चना डाल भी शामिल है जिससे बेसन बनता है, और खाद्य तेलों के दामों में निरंतर बढ़ोतरी के कारण, नाला गैस के प्रयोग के बावजूद बढ़ती क़ीमतों ने इस व्यवसाय को नुक़सान पहुँचाया है। इससे स्वरोज़गार में आई कमी को दूर करने के लिए सरकार ने अग्निवीर योजना भी लागू की है। यहाँ पर अग्नि से तात्पर्य आग्नेयास्त्रों से है नाले की गैस की लपट से नहीं।
आप जानते ही हैं कि पकौड़ी किसी भी सब्ज़ी से बनाई जा सकती है और इसे बनाने की विधि बहुत ही सरल है। जिस भी चीज की पकौड़ी बनानी हो उसे बेसन के घोल में लपेट कर खौलते तेल में तल दिया जाता है। खौलते तेल में सारे वायरस और बैक्टीरिया मर जाते हैं और इस प्रकार पकौड़ी आयुष्मान भारत योजना में भी सहयोग प्रदान करती है। बताया जाता है कि एक विशेष प्रकार के मशरुम की पकौड़ी अत्यंत पोषक, स्वास्थ्यवर्धक और ऊर्जा प्रदान करने वाली होती है। इसे लोकप्रिय बनाने के लिए सरकार की योजनाओं की प्रतीक्षा है।
इन दिनों संसद के ढेर सारे सदस्यों के निलंबन के कारण वह लोग संसद भवन में नहीं जा पा रहे हैं जिसके कारण संसद की कैंटीन में पकौड़ों की खपत में भारी गिरावट आई है। आशा है की सांसदगण इस अवसर पर नाले की गैस वाली पकौड़ी का रसास्वादन कर रहे होंगे और नवयुवकों के स्वरोज़गार में मदद कर रहे होंगे।