Friday, August 14, 2015

एक संकलन

पिछले दिनों की राजनीतिक घटनाओं से प्रेरित हो कर मैंने फेसबुक और ट्विटर पर अपने कुछ विचार डाले हैं.  विचार कई किश्तों में दिमाग में आये और पोस्ट किये गए.  यहाँ उन्हें संकलित कर रहा हूँ.

ऐ बिल है मुश्किल पास होना यहाँ
ये है संसद, ये है संसद, ये है संसद मेरी जाँ।

मैं श्री कपिल शर्मा को जोकपाल और श्री राजू श्रीवास्तव को उप जोकपाल पद के लिए नामित करता हूँ।

देखो ऐ दीवानों तुम ये काम न करो
मौसीजी का नाम बदनाम न करो,
बदनाम न करो।

संसद में कुछ भी किये घटै न उसका मान
आखिर तो गणतंत्र में सांसद ही बलवान।

मंगल भवन अमंगल हारी
संसद भवन में मारामारी।।
गर्जहिं राहुल तड़कहिं जेटली
बूझ सकै को चाल जो चली।।

Parliament has become an arena of combat rather than debate: Prez Pranab
सुशील कुमार को अपना प्रत्याशी बनाने के लिए पार्टियों में होड़ लगने वाली है।

संसद दुर्योधन का दरबार बन गई है। माँ बेटी मौसी सबका चीर हरण हो रहा है!

बन्दे में नहीं है दम
जय मौसी और मदरम्।

मौसी मदर समान है मत लो उसका नाम।
कूदेगी वेल में मदर कर देगी काम तमाम।

अवरोध प्रधान संसद करि राखा
जो जस करइ सो तस फल चाखा।

सांसद आवत देख कर स्पीकर करी पुकार,
एक सत्र तो डूब चुका अब शीतकालीन की बार.

राहुल भैया बोले की उन्होंने ने सुषमा जी से आँखों से आँखें मिला कर कुछ पूछा तो सुषमा जी ने आँखें नीची कर लीं. मोदीजी सुन रहे हैं न? आप ही कह रहे थे की न आँखें चढ़ाना है न झुकाना है.

नीतीश का लालू से है जो भाईचारा,
वही प्रॉब्लम है हमारा।