Tuesday, October 20, 2015

तुअर दाल

आज जैसे दाल दिवस था.  फेसबुक पर आज के मेरी पोस्ट्स का संकलन प्रस्तुत है:

मन अपना भरता नहीं खा कर पूड़ी खीर,
दाल पिए धन न घटे जो सहाय रघुबीर.

दाल पतली सनम और तनहा हैं हम,
फिर भी आ जाओ तुम पानी डालेंगे हम।

अच्छे दिन आने वाले हैं, हम दाल तुअर की खाने वाले हैं।

यह सूअर की तर्ज़ पर दाल का नाम रखना एक साजिश है। याद रहे दाल पर मुसलमानों का बराबर का हक़ है।

काला धन बाहर लाने के लिए ही तुअर दाल के दाम बढ़ाये गए हैं। धैर्य बनाये रखें।

दाल खरीदने वालों पर आयकर वालों की कड़ी नज़र.  खरीदने के लिए PAN कार्ड आवश्यक.  आधार नंबर भी बताने पर रु.1/= प्रति किलो की छूट.

और यह व्हाट्सएप्प से -

तू अपने ग़रीब होने का दावा
न कर, ऐ दोस्त,
हमने देखा है तुझे बाज़ार में
तुअर खरीदते हुए।

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