यह मेरे फेसबुक मित्रों के और थोड़े से मेरे प्रयास से निकले अनमोल वचन:
- तू दाल-दाल मैं भात-भात.
- दाल खाए सैंयाँ हमारो.
- तुअर दान महाकल्यान.
- दाल-ए-ग़म की कसम
- जान चीज़ है क्या आप मेरी दाल लीजिये, बस एक बार पोस्ट मेरी लाइक कीजिये.
- दाल का मलाल
- गरीबी में दाल पतली
- दिल दिया दाल लिया
- तुअर दिया जाय या फिर सूअर दिया जाय, बोल ......
- दाल ही तो है न पोर्क या बीफ, दाम न ऊपर जाए क्यों, .......
- क़र्ज़ की लाते थे दाल और यह समझते थे कि हाँ ..........
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