Monday, April 25, 2016

कुछ कहावतें

कुछ लोग हैं जो काम-धाम छोड़ कर बैठे हैं इंतज़ार में:

  1. कि अच्छे दिन आयेंगे,
  2. कि गरीबी ख़त्म हो जायेगी,
  3. कि काला पैसा वापस आ जाएगा,
  4. कि भारत जगद्गुरु बन जाएगा,
  5. कि पाकिस्तान को औकात समझ में आ जायेगी,
  6. कि चीन को होश आ जाएगा,
  7. कि नेपाल थोड़ा सुधर जाएगा,
  8. कि दाल सस्ती हो जायेगी,
  9. कि आयकर में ठीक-ठाक छूट मिल जायेगी,
  10. कि राजनीति से अपराधी निकल जायेंगे,
  11. कि सरकारी कार्यालयों में सेवा -शुल्क समाप्त हो जाएगा,
  12. कि सरकारी अस्पताल और स्कूल ठीक से चलने लगेंगे, इत्यादि, इत्यादि....
ऐसे लोगों के लिए कुछ कहावतें / गीत प्रस्तुत हैं:
  • कबिरा धीरज के धरे हाथी मन भर खाय, टूक एक के कारने श्वान घरे-घर जाय.  अतएव धैर्य बनाए रखें.
  • जल्दी का काम शैतान का.  आपके नेता शैतान तो हैं नहीं!
  • सब्र का फल मीठा होता है. सब्र रखो मियाँ.
  • होईहै सोई जो राम रचि राखा.  हमारे तुम्हारे चाहने से क्या होता है?
  • दिल-ए-बेकरार का मज़ा लीजिये, थोड़ा इंतज़ार का मज़ा लीजिये.
ग़ालिब ने भी कहा है कि हजारों ख्वाहिशें ऐसी...  उन्होंने यह भी कहा है की वादों पर ऐतबार खतरनाक साबित हो सकता है. ....कि ख़ुशी से मर न जाते अगर ऐतबार होता.

तो मित्रों अगले चुनाव तक इंतज़ार करो. हम फिर आयेंगे. नए जुमलों के साथ.

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